माउस क्या है – What is Mouse in Hindi
Mouse क्या है और कितने प्रकार के होते है?
हम में से अधिकतर लोग कंप्यूटर का इस्तमाल कर रहे होंगे लेकिन क्या आपको पता है की माउस क्या है और कितने प्रकार के होते हैं. यदि आप computer का इस्तमाल कर रहे होंगे तो आपने जरुर Mouse का इस्तमाल तो किया ही होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं की माउस को हिंदी में क्या कहते हैं और ये माउस कैसे काम करता है?
दुसरे सभी devices जैसे की monitor, keyboard, speaker के होते हुए भी Mouse का अपना ही दर्जा है, ये एक तरह से सभी चीज़ों को screen पर control करता है. तो इसे खरीदने से पहले क्यूँ न इसके अलग प्रकार के विषय में जानें..
ये तो हमें पता ही है की हम चारों और से Technology से घिरे हुए हैं. हम रोजमर्रा के काम में इस्तमाल कर रहे सभी काम किसी न किसी रूप में technology से सम्बंधित ही है. ये technology हमारे कार्य को आसान ही नहीं बल्कि जल्दी भी कर देती है जिससे हमारे काफी समय की बचत होती है.
क्या आपको पता है की computer को operate करने के लिए सबसे जरुरत वाली चीज़ क्या है? अगर आपने Mouse के बारे में सोचा है तब आपने सही अनुमान लगा है. क्यूंकि Computer Screen में हो रहे सभी गतिविधियों को Mouse के द्वारा ही control किया जाता है.
वहीँ ये जानना भी बहुत ही जरुरी है की माउस के प्रकार क्या हैं? देखा जाये तो Mouse बहुत से प्रकार के आते हैं और उन्हें हमारी जरुरत के हिसाब से इस्तमाल किया जाता है.
तो आज हम इस post में माउस के प्रकार के विषय में जानकारी प्राप्त करेंगे. तो फिर देरी किस बात चलिए शुरू करते हैं और जानते हैं ये माउस क्या होता है हिंदी में और क्या करता है.
माउस एक इनपुट डिवाइस है. यह एक pointing device है जिसका इस्तमाल PC के साथ interact करने के लिए किया जाता है. Mouse का इस्तमाल मुख्य रूप से कम्प्युटर स्क्रीन पर different Items को चुनने, उनके विषय में जानने तथा उन्हे खोलने एवं बदं करने में किया जाता है.
माउस के इस्तमाल द्वारा उपयोगकर्ता (User) कम्प्युटर को कोई कार्य करने के लिए निर्देश देता है. इसके द्वारा एक User कम्प्युटर स्क्रीन पर कहीं भी पहुँच सकता है.
Mouse के अलग अलग models होते हैं जिनमें की अलग अलग features और connectivity होते हैं, लेकिन प्राय सभी मॉडल्स में दो mouse buttons और एक scroll wheel होता है.
Mouse के interface अलग अलग होते हैं यानि की वो computer या दुसरे कोई system के साथ जुड़ने के लिए जो माध्यम होते हैं. तो फिर चलिए आगे Mouse के विषय में और जानकारी प्राप्त करते हैं.
माउस का फुल फॉर्म क्या है?
माउस का फुल फॉर्म है, Manually Operated Utility For Selecting Equipment.
माउस का पूरा नाम हिंदी में कुछ इस तरह होगा, “उपकरण के चयन के लिए मैन्युअल रूप से संचालित उपयोगिता“
माउस की परिभाषा
माउस एक छोटा सा pointing device होता है जिसे की एक computer यूजर इस्तमाल करता है desk surface पर रखकर.
इसकी मदद से Display Screen पर point,select, click, drag, drop और scroll किया जा सकता है, वहीँ इसके अलावा इससे select ही किया जा सकता है एक दो action करने के लिए उस position से.
माउस को और किस नाम से पुकारा जाता है
माउस को “Pointer” के नाम से भी पुकारा जाता है.
कंप्यूटर माउस के जनक कौन थे?
Mouse को originally X-Y Position Indicator कहा जाता है जिसे की Display System में इस्तमाल किया जाता है. सन 1963 में Douglas Engelbart के द्वारा Mouse का invention हुआ था.
जो की उस समय Xerox PARC में काम करते थे. ये उस समय इतना प्रसिद्ध हुआ की आज ये pointing device को आप सभी computer में देख सकते हैं.
माउस के बारे में
यहाँ निचे में आप लोगों को mouse के functions के विषय में जानकारी दूंगा. इससे user को mouse को इस्तमाल करने में आसानी होगी.
1. Mouse cursor को move करना – ये primary function जिसका काम ही है की mouse cursor को screen में move करना.
2. Open or execute a program – Mouse के इस्तमाल से user किसी भी icon, folder, या किसी दुसरे program को click करके open और execute कर सकते हैं.
3. Select – Mouse का इस्तमाल text select करने के लिए, highlight करने के लिए कर सकते हैं.
4. Drag-and-drop – User आसानी से कोई document को drag-and-drop कर सकते हैं .
5. Hover – Mouse के इस्तमाल से objects के ऊपर hover कर सकते हैं. Hover का मतलब है की जब आप किसी object के ऊपर cursor को लायेंगे तब उसके सम्बन्ध में जो भी जानकारी उपलब्ध रहेगी वो show करेगी.
6. Scroll – Mouse के इस्तमाल से आप बड़े document को पूरा देखने के लिए ऊपर निचे scroll कर सकते हैं.
Mouse Interface के प्रकार
समय के साथ साथ Mouse के कई अलग अलग interfaces भी develop हुए जैसे जैसे technology advanced हुई. यहाँ पर में आप लोगों को कुछ ऐसे ही interfaces के विषय में जानकारी देने जा रहा हूँ :
Serial Mouse
ये इस list का सबसे पुराना type का mouse है जो अभी और काम में नहीं आ रहा है, लेकिन आप government offices में इसे कुछ machines में देख सकते हैं.
इसमें एक serial connector (a DE-9F D-subminiature) होता है और इसे PC के साथ जुड़ने के लिए free serial port चाहिए होता है.
ये typically corded-type का mouse होता है और ये खुद को operate करने के लिए power serial port से लेता है.
ये serial mouse को cold-pluggable के नाम से भी refer किया जाता है, जिसका मतलब है की computer के साथ तभी connect करना चाहिए जब computer switched off स्तिथि में हो.
PS/2 Mouse
ये PS/2 mouse, serial mouse का upper version है. इनके आने से लोग ज्यादा इन्ही के प्रति आकर्षित होते हैं. इन्हें अब भी ख़रीदा जा सकता है क्यूंकि अब भी बहुत सारे motherboard manufacturers PS/2 port provide कर रहे हैं.
ये PS/2 connector (Mini-DIN) circular होती है और इसमें 6 pins होते हैं, इनकी design के कारण इन्हें केवल सही तरीके से ही port के साथ aligned कर insert किया जाता है. PS/2 mice भी cold-pluggable होते हैं.
USB Mouse
यदि हम अभी की बात करें तब आजकल हम USB interface वाले mouse का इस्तमाल करते हैं जिसे की एक free USB port चाहिए. ये either corded या cordless/wireless होते हैं. ये Serial और PS/2 के counterpart में hotpluggable, होते हैं.
इसका मतलब है की आप इन्हें computer के running condition में भी इस्तमाल कर सकते हैं, यहाँ न इस mouse को या फिर computer को कोई खतरा होता है.
वायरलेस माउस
Cordless या wireless mice data को transmit via infrared radiation या radio (जो की है Bluetooth) के माध्यम से करती है.
यहाँ पर receiver को computer के साथ connect करने के लिए serial या USB port का इस्तमाल किया जाता है, या फिर built in part जैसे की Bluetooth का इस्तमाल किया जाता है.
आजकल के Modern non-Bluetooth wireless mice USB receivers का इस्तमाल करते हैं. जहाँ कुछ में इन्हें Mouse के भीतर ही safely store किया जा सकता है वहीँ कहीं कहीं “nano” receivers भी होते हैं, जिन्हें कुछ इस प्रकार से designed किया जाता है जो की इतने छोटे होते हैं की वो आपके laptop या system में हमेशा connect हुए होते हैं.
ये बहुत ही latest variety के mouse हैं जिन्हें की cable की जरुरत नहीं होती है connect होने के लिए.
जहाँ कुछ wireless mouses को USB receiver के via connect किया जाता है वहीँ दुसरे को Bluetooth connection के जरिये से. इस प्रकार के mouse को battery से power दिया जाता है जो की AA type होते हैं.
एक BASIC PC MOUSE का Design
यदि आप PC इस्तमाल करते हैं तब आप जरुर mouse का इस्तमाल तो किया ही होगा. ये Mouse को आप अपने keyboard के दाहिने या बहिने दिशा में पाएंगे.
इसे ठीक तरह से operate करने के लिए थोडा space चाहिए. यहाँ में निचे आप लोगों को एक Mouse के जो basic parts होते हैं उनके विषय में जानकारी दूंगा :
- Left (main) button: ये left button, आपके दाहिने हाथ के index finger के निचे आता है जो की सबसे main button है. इसी button का इस्तमाल सबसे ज्यादा किया जाता है.
- Wheel button: इसे center या wheel भी कहा जाता है, इस button को आप left और right buttons को press करने के जैसे इस्तमाल कर सकते हैं. इसे मुख्य रूप से screen को ऊपर निचे या roll करने के लिए किया जाता है.
- Right button: ये right button का इस्तमाल हम special operations के लिए करते हैं, इसके अलावा right-click करने से ये shortcut या context menu को pop up करता है.
- Mouse body: Mouse एक साबुन के size का होता है. आप अपने हथेली का भार इसी mouse body के ऊपर देते हैं और अपने उँगलियों का इस्तमाल से mouse buttons का इस्तमाल करते हैं.
- Special buttons: इसके अलावा भी Mouse में कई दुसरे special buttons होते हैं, जिन्हें की Internet navigation और दुसरे specific functions के लिए इस्तमाल किया जाता है.
माउस के टचपैड को क्या कहते हैं?
Mouse के touchpad को Trackpad, glide pad, glide point इत्यादि कहा जाता है.
Touchpad क्या है?
Touchpad एक प्रकार का input device होता है laptops और कुछ keyboards में. ये user को allow करता है cursor को move करने के लिए वो भी अपने उँगलियों के मदद से. इन्हें external mouse के स्थान पर भी इस्तमाल किया जा सकता है.
माउस के प्रकार – Types of Mouse in Hindi
आज market में mouse के बहुत सारे variety उपलब्ध हैं, सभी में कुछ न कुछ अलग technology होती है जो की एक दुसरे को उनके function में अलग करती हैं.
Corded Mouse
एक corded mouse को connects directly किया जाता है computer के साथ via a cable (serial, PS/2 or USB). ये अपने operation के लिए power उसी पोर्ट से लेता है जिससे ये connected हो, इसका मतलब है की इसमें external batteries की कोई जरुरत ही नहीं है.
Corded mice ज्यादा are accuracy वाले होते हैं क्यूंकि उन्हें ज्यादा कोई issue नहीं होती है जैसे की signal interference या performance loss low-battery states के कारण.
Cordless/Wireless Mouse
एक cordless या wireless mouse, उस mouse को कहते हैं जिसमें की कोई cable नहीं लगी होती और ये wireless technology का इस्तमाल करता है data transfer करने के लिए और computer से connect होने के लिए.
ये उन जगहों के लिए बहुत अच्छा है जहाँ आपको cord या cable से परेशानी होती है जैसे की travelling करते वक़्त.
इस mouse को operate करने के लिए Batteries की जरुरत होती है. Batteries के होने से ये थोडा heavy भी होता है.
Mechanical Mouse
एक mechanical mouse को ball mouse भी कहा जाता है जिसमें की एक ball और बहुत सारे rollers होते हैं movement को track करने के लिए.
इस type के mouse typically corded variety के होते हैं और optical mouse के जैसे ज्यादा popular नहीं होते हैं.
इसकी performance बहुत ही high होती है लेकिन इसे समय समय पर सफाई की ख़ास जरुरत होती है.
Optical Mouse
एक optical mouse optical electronics का इस्तमाल करती है mouse’s position और movement को track करने के लिए. इन्हें standard mechanical mice का भी दर्जा मिला है क्यूंकि ये दूसरों के तुलना में ज्यादा reliable होते हैं और इन्हें कम maintenance की जरुरत होती है.
लेकिन इनकी performance type of surface पर depend करती है जिनके ऊपर ये operated होते हैं.
Mouse कैसे काम करते हैं
ये बात तो हम सभी के मन में आया होगा की आखिर ये Mouse काम कैसे करते हैं. इसलिए चलिए आपके इस संका को भी दूर कर देते हैं.
Ball computer mouse कैसे काम करता है
जैसे जैसे हम अपने ball mouse को roll करते हैं अपने desk के ऊपर, निचे स्तिथ ball भी roll होने लगता है अपने weight से और उसके साथ लगे two plastic rollers जो की linked होते हैं thin wheels के साथ को आगे धकेलता है.
इन दोनों wheels में से एक wheel detects up-and-down direction (जैसे की y-axis किसी graph/chart paper) movements को detect करता ; वहीँ दूसरा wheel side-to-side movements (जैसे की x-axis किसी graph/chart paper) movements को detect करता.
अब सवाल उठता है की कैसे ये wheels आपके hand movements को measure करते हैं? जैसे जैसे आप mouse को move करते हैं, ball rollers को move करता है, ऐसे में एक या दोनों wheels rotate करते हैं.
अगर आप mouse को straight up move करेंगे, तब केवल y-axis wheel ही turn करेगी ; वैसे ही अगर आप उसे right में move करेंगे तव केवल x-axis wheel ही turn करेगी. ठीक वैसे ही आप mouse को जिस angle में move कराएँगे, वैसे ही ball भी दोनों wheels को साथ ए साथ move कराएगी.
इसके साथ एक छोटी से दिमागवाली चीज़ का भी इस्तमाल किया गया है. दोनों wheel plastic spokes से बने हुए हैं और जैसे जैसे ये turn करता है, तब वो spoke बार बार एक light beam को break करते हैं.
जितनी ज्यादा wheel turn करेगी, उतनी ज्यादा ही वो beam भी broken होगी. इसलिए कितने बार वो beam टूटी उसे गिनना ही precisely ये measure करना है की वो wheel कितना turn करी है और आपने mouse को कितना move कराया है.
ये counting और measuring mouse के भीतर स्तिथ microchip करता है, जो की सारी details को cable के जरिये computer तक भेजता है. Software जो आपके computer में होता है वो इसी data के अनुसार ही cursor को move करता है screen में जरुरत के हिसाब से.
Ball Mouse के Disadvantages
इस mouse में बहुत problems भी है. जैसे की ये सभी surfaces में काम नहीं करता है. इसलिए इसे special mouse mat की जरुरत होती है.
इसके साथ भी अगर आपके पास mat हो भी फिर भी rubber ball और इसके rollers gradually मैले हो जाते हैं जिस कारण x- और y-axis wheels बार बार इधर उधर हो जाते हैं.
इसलिए इन्हें हमेशा साफ़ रखना चाहिए. एक दूसरा option ये भी है की आप optical mouse का इस्तमाल करें.
Optical mouse कैसे काम करता है
एक optical mouse पूरी तरह अलग हिसाब से काम करती है. इसमें एक LED mouse के पीछे में लगी होती है जो की shine करती है desk के ऊपर.
ये light सीधी bounces back करती है straight backup off desk के ऊपर जहाँ के एक photocell (photoelectric cell) होता है, जो भी mouse के निचे ही mount हुआ होता है, और जो की बहुत ही short distance की दूरता में स्तिथ होता है LED से.
इस photocell की एक lens होती है इसके सामने जो की इस reflected light को magnify करती है, जिससे की mouse आपके hand movements को precisely मार्क करता है.
जैसे जैसे आप Mouse को move करते हैं desk के ऊपर, उसी तरह reflected light की patter भी बदलती है और जो chip माउस के भीतर होता है वो ये figure करता है की आपके हाथ किस हिसाब से move कर रहे हैं.
कुछ optical mice के दो LEDs भी होते हैं. एक जो की desk के ऊपर shine करती है और movement को पता करती है. दूसरी जो की mouse के back में लगा होता है और उससे ये पता चलता है की mouse काम कर रहा है या नहीं. बाकि ये mouse भी उसी तरह से काम करते हैं.
Optical Mouse के Disadvantages
वैसे तो ये optical mouse, पहले के ball mouse की तुलना में काफी बेहतर है लेकिन इसमें भी कुछ खामियां है जैसे की ये Computer के साथ जुड़ी रहती है एक तार के माध्यम से.
इसके साथ ये operate होने के लिए इसके base में कुछ चाहिए जिससे की light reflection से ये अच्छे ढंग से काम कर सके. और इसे आप कहीं दूर से काम नहीं कर सकते हैं क्यूंकि ये एक wire से जादा होता है.
इसी के कारण ही Wireless mouse की उपयोगिता बढ़ जाती है.
Wireless mouse कैसे काम करता है
यहाँ इस Wireless mouse के operation में ज्यादा कुछ फरक नहीं है optical mouse के मुकाबले. ये भी उसी तरह से movements का पता करते हैं जैसे की optical mouse करते हैं.
यहाँ बस जो फरक है वो computer को data भेजने के माध्यम में है. यहाँ पर USB cable के जगह में wireless connection के माध्यम से data का transfer होता है.
यहाँ Mouse को operate करने के लिए जो power चाहिए वो external battery से आता है. बाकि mouse के सारे operation optical mouse के जैसे ही हैं.
Wireless Mouse के Disadvantages
इसका जो मुख्य disadvantage है वो ये की इसे operate करने के लिए external batteries की जरुरत होती है.
वहीँ अगर कभी अचानक ही battery ख़त्म हो गयी तब user को बहुत तकलीफ होती है mouse के लिए. इसके साथ ये battery के होने से काफी भारी भी होता है. इसके अलावा ये सबसे costly भी होता है.
माउस का भविष्य
जैसे जैसे Technology में advancement हो रही है, ऐसे में Mouse भी इस line में शामिल है. जहाँ पहले हम ball mouse का इस्तमाल करते थे वहीँ अभी Wireless Mouse का इस्तमाल किया जाता है.
धीरे धीरे शायद और माउस का इस्तमाल बंद भी हो जाये क्यूंकि AI (Artificial Intelligence) के बढ़ जाने से अब तो voice commands की ज्यादा demand बढ़ गयी है.
लोगों को और भी सुविधा की जरुरत है वो कोई काम करने के लिए अपने हाथों का इस्तमाल नहीं करना चाहते हैं. ऐसे में वो दिन दूर नहीं जब Mouse बस एक पुरातन device के हिसाब से रह जायेगा.
लेकिन ऐसा होने में अभी समय है. देखते हैं भविष्य हमारे लिए क्या नयी नयी चीज़ें लेकर आने वाला है.
आज आपने क्या सिखा?
मुझे पूर्ण आशा है की मैंने आप लोगों को माउस क्या है (What is Mouse in Hindi) और ये कितने प्रकार के होते हैं? के बारे में पूरी जानकारी दी और में आशा करता हूँ आप लोगों को माउस का पूरा नाम के बारे में समझ आ गया होगा.
मेरा आप सभी पाठकों से गुजारिस है की आप लोग भी इस जानकारी को अपने आस-पड़ोस, रिश्तेदारों, अपने मित्रों में Share करें, जिससे की हमारे बिच जागरूकता होगी और इससे सबको बहुत लाभ होगा.
मुझे आप लोगों की सहयोग की आवश्यकता है जिससे मैं और भी नयी जानकारी आप लोगों तक पहुंचा सकूँ.
मेरा हमेशा से यही कोशिश रहा है की मैं हमेशा अपने readers या पाठकों का हर तरफ से हेल्प करूँ, यदि आप लोगों को किसी भी तरह की कोई भी doubt है तो आप मुझे बेझिजक पूछ सकते हैं.
मैं जरुर उन Doubts का हल निकलने की कोशिश करूँगा. आपको यह लेख माउस फुल फॉर्म और माउस के प्रकार कैसा लगा हमें comment लिखकर जरूर बताएं ताकि हमें भी आपके विचारों से कुछ सीखने और कुछ सुधारने का मोका मिले.
मेरे पोस्ट के प्रति अपनी प्रसन्नता और उत्त्सुकता को दर्शाने के लिए कृपया इस पोस्ट को Social Networks जैसे कि Facebook, Twitter इत्यादि पर share कीजिये.