Posts

Showing posts from July 6, 2020

आकार के आधार पर कंप्यूटर के प्रकार (Types of Computer based on Size)

आकार के आधार पर कंप्यूटर के प्रकार (Types of Computer based on Size)  कंप्‍यूटर का अविष्‍कार  जब से हुआ है उसके आकार और कार्य क्षमता में बदलाव  होते हैं रहें हैं, कंप्‍यूटर को आकार के आधार पर चार श्रेणीयों में बांटा गया है सुपर कंप्‍यूटर, मेनफ्रेम कंप्‍यूटर, मिनी कंप्‍यूटर एव माइक्रो कंप्‍यूटर तो आईये जानते हैं आकार के आधार पर कंप्‍यूटर का वर्गीकरण (classification of computer based on Size) 1.  माइक्रो कंप्यूटर (Micro Computer) माइक्रो कंप्यूटर (Micro Computer) वह कंप्‍यूटर होते हैं जिन्‍हें आराम से डेस्‍क पर रखा जा सकता है, छोटे कंप्‍यूटरों का विकास 1970 में माइक्रो प्रोसेसर के अविष्कार के साथ हुआ, माइक्रो प्रोसेसर आने से सस्ते और आकार में छोटे कंप्‍यूटर बनाना संंभव हुआ, इन कंप्यूटर्स को पर्सनल कंप्यूटर (Personal Computer ) भी कहते है, माइक्रो कंप्यूटर (Micro Computer) में डेस्कटॉप कम्प्यूटर, लैपटॉप, पामटॉप, टैबलेट पीसी और वर्कस्टेशन आते हैं 2.  मिनी कम्प्यूटर (Mini Computer) मिनी कम्प्यूटर (Mini Computer) अाकार और क्ष्‍ामता में माइक्रो कंप्यूटर (Micro Computer) स

कार्य पद्धति आधार पर कंप्‍यूटर का वर्गीकरण (Computer classification based on work method)

Image
कार्य पद्धति आधार पर कंप्‍यूटर का वर्गीकरण (Computer classification based on work method) कार्य पद्धति आधार पर कंप्‍यूटर का वर्गीकरण तीन प्रकार से किया गया है इसमें 1- एनालॉग कंप्यूटर (Analog Computer), 2- डिज़िटल कम्प्यूटर (Digital Computer), 3- हाइब्रिड कम्प्यूटर (Hybrid Computer) इन तीनों की अपनी अपनी विशेषतायें हैं तो आइये जानते हैं क्‍या होता है डिजिटल, एनालॉग और हाइब्रिड कंप्यूटर, कार्य पद्धति आधार पर कंप्‍यूटर का वर्गीकरण (Computer classification based on work method) .  कार्य पद्धति आधार पर कंप्‍यूटर का वर्गीकरण  एनालॉग कंप्यूटर क्या है (What is analog computer) इस श्रेणी में वे कंप्यूटर आते है जिनका प्रयोग भौतिक इकाइयों दाब, तापमान, लंबाई, गति आदि को मापने में किया जाता है, चलिये थोडा और समझते हैं, बात करते हैं मौसम विज्ञान की आपको हवा का दबाब, वातावरण मेें नमी या बारिश कितनी हुई या आज का सबसे कम या सबसे ज्‍यादा तापमान कितना था इन सब के आंकडें इकठ्ठा करने के लिये एनालॉग कंप्यूटर (Analog Computer) बनाये गये हैं वर्षामापी (रेन गेज) - इससे किसी विशेष स्थान पर हुई

कम्प्यूटर के अनुप्रयोग - Application of computer in Hindi

Image
कम्प्यूटर के अनुप्रयोग - Application of computer in Hindi. कंप्यूटर एक बहुत पावरफुल मशीन है आज हर क्षेञ में कंप्यूटर का अनुप्रयोग किया जा रहा है, एग्‍जाम में भी कम्प्यूटर के अनुप्रयोग (Application of computer) के बारे में प्रश्‍न पूछे जाते हैं तो आईये जानते हैं कम्प्यूटर के अनुप्रयोग - Application of computer - - कम्प्यूटर के अनुप्रयोग - डाटा प्रोसेसिंग (Data processing) -  बडें और विशाल पैमाने पर डाटा प्रोसेसिंग (Data processing) करने के लिये और सूचना तैयार करने के लिये कंप्‍यूटर का प्रयोग किया जाता है इससे डाटा इकठ्ठा करना उसका विश्‍लेशण करना और सूचना प्राप्‍त करना बहुत आसान हो जाता है  शिक्षा (Education) -  कंप्‍यूटर में आधुनिक शिक्षा की तस्‍वीर ही बदल दी है, आज इन्टरनेट के मध्यम से हम किसी भी विषय की जानकारी कुछ ही क्षणों में प्राप्त कर सकते हैं, स्‍कूल और कॉलेजों को भी इंंटरनेट से जोड दिया गया है तथा कई जगहों पर स्‍मार्ट क्‍लास पर जोर दिया जा रहा है जो कंप्‍यूटर की वजह से ही संभव है  बैंक (Bank)-  बैंकिंग क्षेत्र में तो कम्प्यूटर के उपयोग ने क्रांति ही ला दी है

कंप्‍यूटर की संरचना (Computer Architecture in Hindi)

Image
कंप्‍यूटर की संरचना (Computer Architecture in Hindi) कंप्‍यूटर (Computer) को पीढी के अनुसार, कार्य के अनुसार और आकार के अनुसार कई भागों में बांटा गया है लेकिन शुरूआत से अब तक कंप्‍यूटर की संरचना (Computer Architecture) में कोई बदलाव नहीं आया है, तो आईये जानते हैं कंप्‍यूटर की संरचना. कंप्‍यूटर की संरचना (Computer Architecture in Hindi) 1- इनपुट यूनिट (Input unit) इनपुट यूनिट (Input unit) कंप्यूटर के वह भाग हार्डवेयर होते हैं जिनके माध्‍यम से कंप्‍यूटर में कोई डाटा एंटर किया जा सकता है इनपुट के लिये अाप की-बोर्ड, माउस इत्‍यादि इनपुट डिवाइस का प्रयोग करते हैं साथ ही कंप्‍यूटर को सॉफ्टवेयर के माध्‍यम से कंमाड या निर्देश देते हैं  यह i/o devices कहलाती है  2- सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (Central processing unit) सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (Central processing unit) इनपुट डाटा को प्रोसेस करता है इसके लिये  सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट और  अर्थमेटिक लॉजिक यूनिट  दोनों मिलकर  अंकगणितीय गणना (Arithmetic Calculation) और तार्किक गणना  करते हैैं और डाटा को प्रोसेस करते हैं  CPU को

कंप्यूटर की सीमाएं - Limitations of Computer in Hindi

Image
कंप्यूटर की सीमाएं - Limitations of Computer in Hindi कंप्यूटर की विशेषताएं   तो आप जान ही चुके हैं, कंप्‍यूटर आपके बहुत सारे कामों को करता है लेकिन कंप्यूटर की कुछ सीमाएं भी होती हैं जिसने बाहर कंप्‍यूटर कार्य नहीं कर सकता है आईये जानते हैैं कंप्यूटर की सीमाएं क्या है - कंप्यूटर की सीमाएं - Limitations of Computer in Hindi कंप्यूटर की सीमाएं - Limitations of Computer in Hindi बुद्धिमता की कमी (Lack of Intelligence) -  कम्प्यूटर एक मशीन है । उसमें मनुष्‍‍‍य के समान बुद्धिमता (Intelligence) नहीं है यह केवल यूजर द्वारा दिये गये निर्देशों का पालन करता हैं, किसी भी स्थिति में कंप्‍यूटर न तो दिये गये निर्देशों से कम काम करता है सामान्य बोध की कमी (Lack of Common Scene) -  यह भी जानना जरूरी है कि कंप्‍यूटर कभी कोई गलती नहीं करता है, लेकिन अगर यूजर उससे गलत काम लेता है तो उसे इसका सामान्य बोध यानि Common Scene नहीं हाेता है अगर आपने कंप्‍यूटर को बताया नहीं है "सीमा एक लडकी है" तो वह उसे by default लडका ही मानेगा, उसे नाम में फर्क करना नहीं आता है, Computer एक बुद्धि

कंप्यूटर की विशेषता (Characteristics of Computer)

Image
कंप्यूटर की विशेषता (Characteristics of Computer) कंप्यूटर अपनी विशेषताओं के कारण मानव जीवन का अभिन्‍न अंग बन गया है हर कोई व्‍यक्ति अपने हिसाब से कंप्‍यूटर को प्रयोग में लाता है, कंप्यूटर में अनेकों विशेषता होती है आईये जानते हैं कंप्यूटर की विशेषता - Features of Computers in Hindi कंप्यूटर की विशेषता - कंप्यूटर की पहली विशेषता  गति (Speed) -  जहां एक आपको एक छोटी सी Calculation करने में समय लगता है वहीं Computer बडी से बडी Calculation सेेकेण्‍ड से भी कम समय में कर लेता है, यह गति उसे प्रोससर से प्रदान होती है कंप्‍यूटर की गति को हर्ट्ज में मापा जाता है, कंप्यूटर के कार्य करने की तीव्रता प्रति सेकंड्स, प्रति मिलिसेकंड्स, प्रतिमाइक्रो सेकंड्स, प्रति नेनोसेकंड्स ईत्यादी में आंकी जाती है कंप्यूटर की दूसरी विशेषता सटीकता (Accuracy) - त्रुटि रहित कार्य करना यानि पूरी सटीकता (Accuracy) के साथ किसी भ्‍ाी काम का पूरा करना कंप्यूटर की दूसरी विशेषता है, कंप्‍यूटर द्वारा कभी कोई गलती नहीं की जाती है, कंप्‍यूटर हमेशा सही परिणाम देता है, क्योंकि कंप्यूटर तो हमारे द्वारा बन

कंप्यूटर का इतिहास (History of Computer)

कंप्यूटर का इतिहास (History of Computer) आज आप कंप्यूटर पर इंटरनेट चलाते हैँ, गेम खेलते है, वीडियो देखते हैं, गाने सुनते हैँ और इसके अलावा ढेर सारे ऑफिस से संबंधित काम करते हैं आज कंप्यूटर का उपयोग दुनिया के हर क्षेत्र मेँ किया जा रहा है चाहे वो शिक्षा जगत हो, फिल्म जगत हो या आपका ऑफिस हो। कोई भी जगह कंप्यूटर के बिना अधूरी है आज आप कंप्यूटर की सहायता से इंटरनेट पर दुनिया के किसी भी शहर की कोई भी जानकारी सेकेण्‍डों मे प्राप्त कर सकते हैँ ये किसी दूसरे देश मेँ बैठे अपने मित्रोँ और रिश्तेदारोँ से इंटरनेट के माध्यम लाइव वीडियो कॉंफ्रेंसिंग कर सकते हैँ यह सब संभव हुआ है कंप्यूटर की वजह से। सोचिए अगर कंप्यूटर ना होता तो आज की दुनिया कैसी दिखाई देती।  कंप्यूटर शुरुआत कहाँ से हुई ओर क्यूँ हुई ? क्या वाकई मेँ कंप्यूटर इन सभी कामाें को करने के लिये बना था या इसका आविष्कार किसी और वजह से हुआ था आइए जानते हैँ -  मानव के लिए गणना करना शुरु से ही कठिन रहा है मनुष्य बिना किसी मशीन के एक सीमित स्तर तक ही गणना या केलकुलेशन कर सकता है ज्यादा बडी कैलकुलेशन करने के लिए मनुष्य को मशीन पर ही

कंप्यूटर का परिचय (Introduction to Computers in Hindi)

Image
कंप्यूटर का परिचय (Introduction to Computers in Hindi) Computer क्या है Computer का Full Form होता है Computer के पार्ट्स के नाम और कंप्यूटर के जनक कौन हैं यह प्रश्‍न अगर आपके दिमाग में हैं तो यह जानकारी के लिये ही है कंप्यूटर किसे कहते है इसकी पूरी जानकारी हिंदी में आपको यहां दी गयी है  कंप्यूटर का परिचय (Introduction to Computers in Hindi)  कंप्‍यूटर क्‍या है - What is Computer कंप्यूटर शब्द अंग्रेजी के "Compute" शब्द से बना है, जिसका अर्थ है "गणना", करना होता है इसीलिए इसे गणक या संगणक भी कहा जाता है, इसका अविष्‍कार Calculation करने के लिये हुआ था, पुराने समय में Computer का use केवल Calculation करने के लिये किया जाता था किन्‍तु आजकल इसका use डाक्‍यूमेन्‍ट बनाने, E-mail, listening and viewing audio and video, play games, database preparation के साथ-साथ और कई कामों में किया जा रहा है, जैसे बैकों में, शैक्षणिक संस्‍थानों में, कार्यालयों में, घरों में, दुकानों में, Computer का उपयोग बहुतायत रूप से किया जा रहा है Computer केवल वह काम करता ह

हार्ड डिस्क की भौतिक संरचना - Physical Structure Of Hard Disk in Hindi

Image
हार्ड डिस्क की भौतिक संरचना - Physical Structure Of Hard Disk in Hindi हार्ड डिस्क ड्राइव (Hard Disk Drive) कंप्यूटर की  सेकेंडरी मेमोरी (Secondary Memory)  होती है इसका प्रयोग बड़े पैमाने पर डाटा को स्टोर करने के लिए किया जाता है और तेज गति से दोबारा से प्राप्त किया जा सकता है आईये जानते हैं हार्ड डिस्क की भौतिक संरचना -  हार्ड डिस्क की भौतिक संरचना - Physical Structure Of Hard Disk in Hindi असल में हार्ड डिस्क कई सारी प्‍लैटरों को मिलाकर एक एयरटाइट केस में एक के ऊपर एक लगाकर यानी डिस्‍क का ढेर बनाकर एक हार्ड डिस्क का निर्माण किया जाता है प्रत्येक प्‍लैटर एक पतली गोलाकार धातु प्लेट का बना होता है जिसके दोनों ओर मैग्नेटिक लेयर होती है यानी मैग्नेटिक पदार्थ की कोटिंग होती है आजकल जितने भी प्लैटर होते हैं वह 3.5 इंच डायमीटर के होते हैं मान लीजिए एक कंप्यूटर जिसमें 80 GB या उससे अधिक क्षमता की हार्ड डिस्क का प्रयोग होता है उसमें 7 या अधिक डिस्क एक केंद्रीय शाफ्ट पर लगी होती हैं जो लगभग 2400 से 7200 आरपीएम यानी चक्कर प्रति मिनट की स्पीड से घूमती हैं यह प्‍लैटर एक दूसर

[What is Printer in Hindi] प्रिटंर क्‍या है ?

[What is Printer in Hindi] प्रिटंर क्‍या है ? प्रिंटर एक आउटपुट डिवाइस होती है, इसका प्रयोग कंप्‍यूटर के डेटा की हार्डकॉपी बनाने के लिये किया जाता है। की-बोर्ड, माउस के बाद प्रिंटर ही एक ऐसा डिवाइस है, जिसका इस्‍तेमाल सबसे अधिक किया जाता है। ऑफिस, घ्‍ारों और व्‍यावसायिक प्रतिष्‍ठानों पर प्रिंटर का प्रयोग चिञ, ऑफिस डाक्‍यूमेंट प्रिंट करने के लिये किया जाता है। साधारण तौर पर प्रिंटर कंप्‍यूटर के साथ एक डाटा केबल से जुडा रहता है अौर किसी भी एप्‍लीकेशन से Ctrl+P कमांड देने पर वह आपको प्रिंट दे देता है। लेकिन अाजतक प्रिंटर के साथ नई तकनीकों का प्रयोग किया जाता है। जिसमें वायरलैस प्रिंटिग मुख्‍य है। इसमें प्रिंटर को वाई-फाई और क्‍लाउड से जोडा जाता है। जिससे दूर बैठे ही आप प्रिंटर को कमाण्‍ड दे सकते हैं। क्‍लाउड तकनीक से आप मोबाइल से भी प्रिंटर को कमाण्‍ड दे सकते हैं अौर प्रिंट निकाल सकते हैं।  प्रिंटरों के प्रकार - डॉट मैट्रिक्स -  इस प्रिंटर का प्रयोग आजकल बहुत कम हाेता है। लेकिन अभ्‍ाी कुछ दुकानों और खासतौर पर बैंक में यह प्रिंटर प्रयोग में लाया जा रहा है।  लेजर प्रिंटर-  यह प्

What is Booting Process in Computer - कंप्यूटर में बूटिंग क्या होती है

What is Booting Process in Computer - कंप्यूटर में बूटिंग क्या होती है आपने अक्‍सर कंप्‍यूटर (computer) में विंडोज इंस्टॉल (Windows Install) कराते समय बूटिंग (Booting) या बूटेबल (Bootable) शब्‍द सुना होगा, लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि क्‍या होती है ये बूूटिंग अगर नहीं तो चलिये जानते हैं कि What is Booting Process in Computer - कंप्यूटर में बूटिंग क्या होती है - जब आप कंप्‍यूटर (computer) का पावर बटन (Power button) या स्‍टार्ट बटन (Start button) प्रेस करते हैं, तो विंंडोज स्‍टार्ट होने से पहले कंंप्‍यूटर में कई सारी प्रक्रियायें होती है, जिसमें बूटिंग भी एक जरूरी प्रक्रिया है - कंप्यूटर बूटिंग क्या होती है - What is a computer booting जब आप कंप्‍यूटर स्‍टार्ट करते हैं तो  सीपीयू (CPU ) और  बायोस (BIOS)  मिलकर कंप्‍यूटर को स्‍कैन करते हैं, जिसमें कंप्‍यूटर यह पता करता है कि मदरबोर्ड से कौन-कौन से उपकरण जुडें है और ठीक प्रकार से काम कर रहे हैं या नहीं, इसमें रैम, डिस्‍पले, हार्डडिस्‍क आदि की जॉच होती है, यह प्रक्रिया पोस्‍ट (Post) कहलाती है। जब कंप्‍यूटर पोस्‍ट (Po

What is BIOS in Computer Hindi - कंप्यूटर में बायोस क्‍या होता है

Image
What is BIOS in Computer Hindi - कंप्यूटर में बायोस क्‍या होता है जब आप कंप्‍यूटर स्‍टार्ट करते हैं तो सबसे पहले आपका सामना बायोस (BIOS) सेे ही होता है, लेकिन बहुत से यूजर्स इसके बारे में नहीं जानते हैंं, बायोस (BIOS) कंप्‍यूटर में बहुत महत्‍वपूर्ण जगह रखता हैं, आईये जानते हैं बायोस (BIOS) के बारे में - Learn More... क्‍या होता है बायोस (BIOS) ? जब आप कंप्‍यूटर स्‍टार्ट करते हैं और जो पहली स्‍क्रीन आपको दिखाई देती है वही बायोस (BIOS) है, बायोस (BIOS) की Full Form है बेसिक इनपुट आउटपुट सिस्‍टम (Basic Input Output System), यह आपके मदरबोर्ड के साथ जुुडा एक सॉफ्टवेयर है जो पीसी ऑन होने पर अपने आप शुरू हो जाता है, BIOS कंप्‍यूटर के ऑन होने पर रैम, प्रोसेसर, की-बोर्ड, माउस, हार्ड ड्राइव की पहचान कर उन्‍हें कन्फिगर (Configure) करता है। Where is the BIOS Stored ?  बायोस (BIOS) यहॉ होता हैै?  मदरबोर्ड में (CMOS) यानि Complementary metal oxide semiconductor नाम की चिप में BIOS की सेटिंग्‍स स्‍टोर रहती हैं, जब आप यह Settings बदलते हैं तो मदरबोर्ड में लगा सेल इन Setting

[Parts of CPU and their Functions] - सीपीयू के अन्‍दरूनी भाग

[Parts of CPU and their Functions] - सीपीयू के अन्‍दरूनी भाग सीपीयू कम्‍प्‍यूटर का मुख्‍य भाग होता है, इसी प्रकार सी0पी0यू0 भी कई भागों में बॅटा होता है या वह भी कई हार्डवेयरों को जोडकर बनाया जाता है, इन्‍ही हार्डवेयर भागों की गुणवत्‍ता और क्षमता पर सी0पी0यू0 की कार्यक्षमता निर्भर करती है तो आईये जाने सी0पी0यू0 के भागों के बारें में-  Learn more... सीपीयू के अन्‍दरूनी भाग  हार्ड डिस्क:-  यह वह भाग है जिसमें कम्प्यूटर के सभी प्रोग्राम और डाटा सुरक्षित रहते है। हार्ड डिस्क की मेमोरी स्थायी होती है, इसीलिए कम्प्यूटर को बंद करने पर भी इसमें सुरक्षित प्रोग्राम और डाटा समाप्‍त नहीं होता है। आज से 10 वर्ष पहले हार्डडिस्‍क की स्‍टोरेज क्षमता गीगाबाइट/जी0बी0 मेगाबाइट या एम0बी0 तक सीमित रहती थी किन्‍तु आजकल हार्ड डिस्क की स्‍टोरेज क्षमता को टेराबाइट या टीबी में मापा जाता है किन्तु आजकल 500 जी0बी0 तथा 1 TB या 1000 GB के क्षमतायुक्त पीसी लोकप्रिय हो गए है। हार्ड डिस्क की क्षमता जितनी अधिक होगी उतना ही ज्‍यादा डाटा स्‍टोर किया जा सकता है। मदर बोर्ड :- मदर बोर्ड फाइबर ग्ल