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Showing posts from July 4, 2020

नेटवर्क के प्रकार - Types of Network in Hindi

नेटवर्क के प्रकार - Types of Network in Hindi कंप्यूटर, सर्वर,  मेनफ्रेम , नेटवर्क डिवाइस या अन्‍‍‍य ऐसी डिवाइस जो एक दूसरे से डाटा शेयर करती है उनका आपस का कनेक्‍शन चाहे वह वायरलैस हो या केबल द्वारा नेटवर्क (Network) कहलाता है, ऐसे नेटवर्क (Network) जो आपके घर, ऑफिस या किसी विशेष संस्‍था में होते हैं उन्‍हें प्राइवेट नेटवर्क (Private Network) कहते हैं तो आईये जानते हैं नेटवर्क के प्रकार - Read more... प्राइवेट नेटवर्क (Private Network) को इनके आकार के आधार पर तीन श्रेणियों में बांंटा गया है - LAN (लोकल एरिया नेटवर्क ) MAN (मेट्रोपॉलिटन एरिया नेटवर्क ) WAN (वाइड एरिया नेटवर्क) लैन - लोकल एरिया नेटवर्क - Local Area Network in Hindi लोकल एरिया नेटवर्क (LAN) एक ऐसा नेटवर्क है, जो आपके घर, कार्यालय, स्कूल के कंप्‍यूटरों में किया जाता है, लोकल एरिया नेटवर्क तैयार करने में प्रोटोकॉल का प्रयोग होता है इसे ईथरनेट (Ethernet) कहते हैं, लोकल एरिया नेटवर्क (LAN) में दाेे या दो अधिक कंम्‍यूटरों को जोडने के लियेेे किया जाता है, लोकल एरिया नेटवर्क (LAN) बहुत ही सरल और सहज नेटवर

इंटरनेट (internet)

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इंटरनेट (internet) इंटरनेट (internet) जिसे आप अंतरजाल भी कहते हैं। यह इंटरनेट (internet) आप हमारे चारों तरफ हैंं, बिना इंटरनेट (internet) आप कई चीजों की कल्‍पना भी नहीं की जाा सकती है, इंटरनेट (internet) हमारे जीवन का एक अभिन्‍न अंग बन गया हैं। यह हमारे लिये बहुत महत्व (mahatva) रखता है अौर अब तो इंटरनेट हिंदी मेंं है , हिंदी इंटरनेट की वजह से सीखना और सिखाना और भी आसान हो गया है -  Read more... इंटरनेट का महत्व. 1972 में  रे टॉमलिंसन (ray tomlinson)   ने इंटरनेट (internet) का इस्‍तेमाल कर पहला ईमेल भेजा था, रे टॉमलिंसन अरे वही ई-मेल और  एट चिह्न (@) यानि ऍट द रेट  के अविष्‍कारक और वहीं ईमेल कारण हुुआ इतने विशाल इंटरनेट (internet) नेटवर्क का। शायद अगर वह ईमेल भेजा गया न होता तो शायद जो आप व्हाट्सप्प और फेसबुक इस्‍तेमाल कर रहे हैं उसका अस्तित्‍व ही नहीं होता। फिलहाल आज आपके पास इंटरनेट का पावर है, जिससे आप कुछ भी कर सकते हैं, पलभर में कोई भी जानकारी प्राप्‍त कर सकते हैंं। आज हर जगह इंटरनेट का प्रयोग हो रहा है, पिछले कुछ वर्षो में लोग इससे इस तरह जुड गये हैं कि आने वाले समय

सिस्टम सॉफ्टवेयर क्या है - What is system software in Hindi

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सिस्टम सॉफ्टवेयर क्या है - What is system software in Hindi कंप्यूटर सॉफ्टवेयर तीन प्रकार के होते हैं। सिस्‍टम सॉफ्टवेयर (system software) एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर (Application software) और यूटिलिटी सॉफ्टवेयर (Utility software) तो इस पोस्‍ट में हम जानेगें सिस्‍टम सॉफ्टवेयर (system software) क्‍या होते हैं - Read more... सिस्टम सॉफ्टवेयर (System Software) ऐसे सॉफ्टवेयर होते हैं जो आपके कंप्‍यूटर के हार्डवेयर को Manage और Control करते हैं और इन्‍हीं की वजह से एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (Application Software)  कंप्‍यूटर  में चल पाते हैं या आप उस पर काम कर पाते हैं सिस्टम सॉफ्टवेयर (System Software) का सबसे सरल उदाहरण के आपका  ऑपरेटिंग सिस्‍टम  यानी आपकी विंडोज जो भी आप इस्‍तेमाल कर रहे होगें. यह ऐसा सिस्टम सॉफ्टवेयर (System Software) है जो आपके पूरे  कंप्‍यूटर   को मैनेज करने का काम करता है आपको वो सारी सुविधायें उपलब्‍ध कराता है, जिससे आप सुचारू रूप से अपने कंप्‍यूटर को चला पायें, संक्षेप में सिस्टम सॉफ्टवेयर प्रोग्रामों का एक समूह है, सिस्टम सॉफ्टवेयर (System Software) के और भी

सॉफ्टवेयर क्‍या होता है, सॉफ्टवेयर के प्रकार

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सॉफ्टवेयर क्‍या होता है सॉफ्टवेयर Computer का वह Part होता है जिसको हम केवल देख सकते हैं और उस पर कार्य कर सकते हैं, Software का निर्माण Computer पर कार्य करने को Simple बनाने के लिये किया जाता है, आजकल काम के हिसाब से Software का निर्माण किया जाता है, जैसा काम वैसा Software । Software को बडी बडी कंपनियों में यूजर की जरूरत को ध्‍यान में रखकर Software programmers द्वारा तैयार कराती हैं, इसमें से कुछ free में उपलब्‍ध होते है तथा कुछ के लिये चार्ज देना पडता है। जैसे आपको फोटो से सम्‍बन्धित कार्य करना हो तो उसके लिये फोटोशॉप या कोई वीडियो देखना हो तो उसके लिये मीडिया प्‍लेयर का यूज करते है। सॉफ्टवेयर के प्रकार - Types of Computer Software सॉफ्टवेयर Computer का वह Part होता है जिसको हम केवल देख सकते हैं और उस पर कार्य कर सकते हैं, Software का निर्माण Computer पर कार्य करने को Simple बनाने के लिये किया जाता है, आजकल काम के हिसाब से Software का निर्माण किया जाता है, जैसा काम वैसा Software कंप्यूटर सॉफ्टवेयर तीन प्रकार के होते हैं तो आईये जानते हैं सॉफ्टवेयर के प्रकार -  Click he

इनपुट डिवाइस (Input Device)

इनपुट डिवाइस (Input Device) इनपुट डिवाइस इनपुट डिवाइस इस होती हैं जिनसे कंप्यूटर में डेटा और कमांड स्‍टोर या एंटर कराया जा सकता है इनपुट डिवाइस  मेन मेमोरी  में स्टोर किए गए डेटा और निर्देशों को  बायनरी  में कन्वर्ट कर देती है आईये जानते है  इनपुट डिवाइस (Input Device) के बारे में   इनपुट डिवाइस (Input Device) आपका सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले इनपुट डिवाइस कीबोर्ड है जिसकी मदद से आप कंप्यूटर पर बड़े आसानी से टाइप कर पाते हैं इनपुट डिवाइस का काफी विकास हो चुका है जिनमें डाटा को टाइप करने की जरूरत नहीं पड़ती है इस प्रकार की कुछ डिवाइसेस आपका माउस है लाइट पेन है ग्राफिक टैबलेट है जॉय स्टिक है ट्रैकबॉल है और टच स्क्रीन है यह सभी डिवाइस इस यूजर को मॉनिटर स्क्रीन पर आवश्यक चीजों को सिर्फ पाइंट करके सेलेक्ट करने की स्वतंत्रता प्रदान करती हैं इसलिए इन इनपुट डिवाइस को Pointing device भी कहा जाता है आजकल तो इनपुट डिवाइस का काफी उच्च स्तर पर इस्तेमाल हो रहा है यहां तक कि आपको टाइप करने की आवश्यकता नहीं है केवल बोलने से   वॉइस इनपुट रिकग्निशन टेक्नोलॉजी  की सहायता से टाइप कर सकते

आउटपुट डिवाइस (Output Device)

आउटपुट डिवाइस (Output Device) आउटपुट डिवाइस:-  आपके द्वारा दी गयी कंमाड के अाधार पर प्रोसेस की गयी जानकारी का आउटपुट कंप्‍यूटर द्वारा आपको दिया जाता है जो आपको आउटपुट डिवाइस या आउटपुट यूनिट द्वारा प्राप्‍त हो जाता है आउट डिवाइस हार्डवेयर होता है  आउटपुट डिवाइस  सबसे बेहतर उदाहरण आपका कंप्‍यूटर मॉनिटर है यह i/o devices कहलाती है -  आउटपुट डिवाइस (Output Device) मोनीटर  स्पीकर प्रिन्टर प्रोजेक्टर हेडफोन प्रिंटर  -   प्रिंटर एक ऐसा आउटपुट डिवाइस (Output Device) है जो  सॉफ्ट कॉपी (Soft Copy) को हार्ड कॉपी (Hard Copy)   में परिवर्तित (Convert) करता हैं

क्‍या होती है कैश मेमोरी - What is Cache Memory in Hindi

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क्‍या होती है कैश मेमोरी - What is Cache Memory in Hindi कंप्‍यूटर  हो या मोबाइल आपने कैश मेमोरी (Cache Memory) के बारे में जरूर सुना होगा, ज्‍यादातर लोगों ने मेमोरी के रूप में या तो हार्डडिस्‍क के बारे में सुना है या तो रैम के बारे में लेकिन ये कैश मेमोरी (Cache Memory) क्‍या होती है और कहां होती है और कैश मेमोरी (Cache Memory) के क्‍या लाभ होते हैं आईये जानने की कोशिश करते हैं - क्‍या होती है कैश मेमोरी - Read more... कैश मेमोरी (Cache Memory) चाहे फोन की हो या कंप्‍यूटर की हो कोई भी काम अत्‍यधिक तेजी से करती है, असल में कैश मेमोरी (Cache Memory) आकार में बहुत छोटी लेकिन कंप्‍यूटर की मुख्‍य मेमोरी से बहुत ज्‍यादा तेज होती है, इसे सीपीयू की मैमोरी भी कहा जाता है जिन प्रोग्राम और निर्देशों का बार-बार इस्‍तेमाल किया जाता है उनको कैश मेमोरी (Cache Memory) अपने अंदर सुरक्षित कर लेती है, प्रोसेसर कोई भी डाटा प्रोसेस करने से पहले कैश मेमोरी (Cache Memory) को चैक करता है और अगर वह फाइल उसे वहां नहीं मिलती है तो उसके बाद वह रैम यानि प्राइमरी मेमरी को चैक करता है तो इस प्रकार आप

रजिस्टर मेमोरी क्‍या है - What is Register Memory in Hindi

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रजिस्टर मेमोरी क्‍या है - What is Register Memory in Hindi रजिस्टर मेमोरी (Register Memory) भी  कंप्यूटर मेमोरी (Computer Memory)  का ही एक भाग है रजिस्टर मेमोरी (Register Memory)  CPU  में रजिस्टर के रूप में स्थित होती है तो आईये जानते हैं रजिस्टर मेमोरी क्‍या है -  रजिस्टर मेमोरी (Register Memory) को रजिस्‍टर भी कह सकते हैं, रजिस्टर मेमोरी कंप्यूटर में सबसे छोटी और सबसे तेज मेमोरी होती है, रजिस्टर मेमोरी का साइज 16, 32 और 64 Bit का होता है आप तो जानते हैं सीपीयू में कोई डेटा स्‍टोर नहीं होता है, रजिस्टर मेमोरी (Register Memory) आकार में बहुत छोटी लेकिन सीपीयू द्वारा बार-बार इस्तेमाल होने वाले डेटा निर्देश (Data instruction) और मेमोरी का पता को अपने अंदर अस्‍थाई रूप स्‍टोर लेती है रजिस्टर मेमोरी (Register Memory) दो प्रकार की होती है - मेमोरी एड्रेस रजिस्टर - MAR मेमोरी बफर रजिस्टर - MBR  मेमोरी एड्रेस रजिस्टर - (Memory Address Register) कंप्यूटर में, मेमोरी एड्रेस रजिस्टर (MAR) एक सीपीयू रजिस्टर होता है जिसका काम मेमोरी एड्रेस को स्टोर करना होता है जिसमें

सेकेंडरी मेमोरी क्‍या होती है - What is Secondary Memory in Hindi

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सेकेंडरी मेमोरी क्‍या होती है - What is Secondary Memory in Hindi सेकेंडरी मेमोरी क्‍या होती है - सेकेंडरी मेमोरी (Secondary Memory) के नाम से ही पता चलता है कि यह कंप्‍यूटर की  प्राइमरी मेमोरी (Primary Memory)  से अलग होती है यानि यह आन्तरिक (Internal) भाग नहीं होती है, सेकेंडरी मेमोरी (Secondary Memory) को कंप्‍यूटर में अलग से जोडा जाता है इसे कंप्यूटर की द्वितीय मेमोरी (Secondary Memory) भी कहा जाता है तो आईये जानते हैं कंप्यूटर की सेकेंडरी मेमोरी क्‍या होती है - सेकेंडरी मेमोरी (Secondary Memory) को अलग से जोडा जाता है और यह स्‍टोरेज के काम आती है तो इसे सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस भी कहते हैं, प्राइमरी मेमोरी (Primary Memory) के अपेक्षा इसकी गति कम होती है लेकिन इसकी Storage क्षमता प्राइमरी मेमोरी (Primary Memory) अधिक होती है और जरूरत पडने पर इसे अपग्रेड (घटाया या बढाया) किया जा सकता है Read More... आईये जानते हैं सेकेंडरी मेमोरी (Secondary Memory) कितने प्रकार की होती है - मैग्नेटिक/चुम्बकीय टेप (Magnetic Tape) मैग्नेटिक/चुम्बकीय डिस्क (Megnetic Disk)  ऑप

प्राइमरी मेमोरी क्‍या होती है - What Is Primary Memory in Hindi

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प्राइमरी मेमोरी क्‍या होती है - What Is Primary Memory in Hindi कंप्‍यूटर की संरचना  के अनुसार मेमोरी (Memory) कंप्यूटर का वह भाग है यूजर द्वारा इनपुट किये डाटा और प्रोसेस डाटा को संगृहीत करती है, मेमोरी (Memory) में डाटा, सूचना, एवं प्रोग्राम प्रक्रिया के दौरान उपस्थित रहते है और आवश्यकता पड़ने पर तत्काल उपलब्ध रहते है इसे प्राथमिक मेमोरी या मुख्य मेमोरी भी कहते हैं आईये प्राइमरी मेमोरी (Primary Memory) के बारे में अधिक जानते हैंं - Read more... प्राइमरी मेमोरी क्‍या होती है - What Is Primary Memory in Hindi प्राइमरी मेमोरी (Primary Memory) दो प्रकार की होती है -  रैम (RAM) यानि Random Access Memory  रोम (ROM) यानि Read Only Memory  1- रैम (Random Access Memory)  इस मेमोरी (Memory) को कंप्‍यूटर की अस्‍थाई मेमोरी भी कहते हैं इसमें कोई भी डाटा स्‍टोर नहीं रहता है जब तक कंप्‍यूटर ऑन रहता है तब तक रैम में डाटा या प्रोग्राम अस्थाई रूप से संगृहीत रहता है और कंप्‍यूटर प्रोसेसर आवश्‍यक डाटा प्राप्‍त करने के लिये इस डेटा का उपयोग करता है और जैसे ही आप कम्‍यूटर शट डाउन कर

कंप्यूटर मेमोरी क्या है - What is Computer Memory in Hindi

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कंप्यूटर मेमोरी क्या है - What is Computer Memory in Hindi कंप्यूटर मेमोरी (Computer Memory)  कंप्‍यूटर की संरचना  के अनुसार कंप्यूटर का वह भाग है यूजर द्वारा इनपुट किये डाटा और प्रोसेस डाटा को स्‍टोर करती है, मेमोरी (Memory) कम्प्यूटर का बुनियादी घटक है आईये जानते हैं कंप्यूटर मेमोरी क्या है -  कंप्यूटर मेमोरी क्या है -  वैसे तो CPU को कंप्यूटर का मस्तिष्क कहा जाता है, लेकिन जहां मनुष्‍य का मस्तिष्‍क बहुत सारे काम करने के साथ-साथ हमारी यादों को भी सुरक्षित रखने का काम करता है वहीं   सीपीयू (CPU)   केवल अंकगणितीय गणना (Arithmetic Calculation) और तार्किक गणना कर इनपुट डाटा को प्रोसेस करता है, प्रोसेस डाटा को सुरक्षित नहीं रख सकता है, अब उस प्रोसेस डाटा को कहीं सुरि‍क्षित भी रखना होता है, तो इस कार्य जिम्‍मा कंप्यूटर मेमोरी (Computer Memory) के पास होता है, कंप्यूटर मेमोरी को बहुत सारे छोटे भागों में बाँटा गया है, जिन्हें हम सेल कहते हैं। प्रत्येक सेल का यूनिक एड्रेस या पाथ होता है। आप जब भी कोई फाइल कंप्‍यूटर में सुरक्षित या सेव करते हैं तो वह एक सेल में सेव होती है- क

हार्ड डिस्क की भौतिक संरचना - Physical Structure Of Hard Disk in Hindi

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हार्ड डिस्क की भौतिक संरचना - Physical Structure Of Hard Disk in Hindi हार्ड डिस्क ड्राइव (Hard Disk Drive) कंप्यूटर की  सेकेंडरी मेमोरी (Secondary Memory)  होती है इसका प्रयोग बड़े पैमाने पर डाटा को स्टोर करने के लिए किया जाता है और तेज गति से दोबारा से प्राप्त किया जा सकता है आईये जानते हैं हार्ड डिस्क की भौतिक संरचना -  सल में हार्ड डिस्क कई सारी प्‍लैटरों को मिलाकर एक एयरटाइट केस में एक के ऊपर एक लगाकर यानी डिस्‍क का ढेर बनाकर एक हार्ड डिस्क का निर्माण किया जाता है प्रत्येक प्‍लैटर एक पतली गोलाकार धातु प्लेट का बना होता है जिसके दोनों ओर मैग्नेटिक लेयर होती है यानी मैग्नेटिक पदार्थ की कोटिंग होती है आजकल जितने भी प्लैटर होते हैं वह 3.5 इंच डायमीटर के होते हैं मान लीजिए एक कंप्यूटर जिसमें 80 GB या उससे अधिक क्षमता की हार्ड डिस्क का प्रयोग होता है उसमें 7 या अधिक डिस्क एक केंद्रीय शाफ्ट पर लगी होती हैं जो लगभग 2400 से 7200 आरपीएम यानी चक्कर प्रति मिनट की स्पीड से घूमती हैं यह प्‍लैटर एक दूसरे से 1.5 इंच की दूरी पर लगे होते हैं प्रत्येक प्‍लैटर के ऊपर और नीचे रीड और राइट